जहां तक टेस्ट और टी-20 श्रृंखलाओं का सवाल है, इंग्लैण्ड ने पहले मैच आसानी से जीते। मगर बात के मैचों में उन्हें हार मिली। टेस्ट श्रृंखला भारत 2-1 से जीता तो टी-20 3-2 से। पुणे में खेली गयी एक-दिवसीय श्रृंखला में उलटफेर करते हुए इंग्लैण्ड ने पहला मैच जीतने के बजाए हार दिया।
इंग्लैण्ड की भारत दौरे पर आई टीम ने टेस्ट, टी-20 और एक दिवसीय मैच श्रृंखलाओं में हार का स्वाद चखा। भारतीय टीम जो कि बिना जसप्रीत बूमरा, रवि जडेजा और शमी के खेल रही थी, हर प्रकार की क्रिकेट में विजयी हो कर उभरी।
जहां तक टेस्ट और टी-20 श्रृंखलाओं का सवाल है, इंग्लैण्ड ने पहले मैच आसानी से जीते। मगर बात के मैचों में उन्हें हार मिली। टेस्ट श्रृंखला भारत 2-1 से जीता तो टी-20 3-2 से। पुणे में खेली गयी एक-दिवसीय श्रृंखला में उलटफेर करते हुए इंग्लैण्ड ने पहला मैच जीतने के बजाए हार दिया।
ऐसा महसूस हुआ कि भारत दूसरे मैच में ही श्रृंखला अपने नाम कर लेगा। मगर इंग्लैण्ड ने अप्रत्याशित रूप से बेहतरीन खेल दिखाते हुए दूसरे मैच में 336 रनों के अंबार को हासिल करते हुए भारत को हरा दिया। तीसरे और अंतिम एक दिवसीय मैच में भी बहुत कठिनाई से भारत इंग्लैण्ड को मात्र 7 रनों के अन्तर से हरा पाया। इंग्लैण्ड के सैम करेन ने नाबाद 95 रनों की पारी खेलते हुए मैन ऑफ़ दि मैच का ख़िताब जीता। ऐसा कम ही देखा गया है जब किसी हारने वाली टीम के खिलाड़ी को मैन ऑफ़ दि मैच का ख़िताब मिले।
वर्तमान श्रृंखला के बाद आई.सी.सी. की रैंकिंग के अनुसार टेस्ट मैचों में भारत पहले स्थान पर काबिज़ है। एक दिवसीय और टी-20 मैचों में भारत का नंबर दूसरा है। यानि कि भारत की स्थिति हर तरह की क्रिकेट में 28 मार्च 2021 की रैंकिंग के अनुसार ख़ासी मज़बूत है।
टेस्ट शृंखला में भारत की ओर से ऋषभ पन्त, रोहित शर्मा, अक्षर पटेल, रविचन्द्रन अश्विन, ईशान्त शर्मा, वाशिंगटन सुन्दर और मुहम्मद सिराज का खेल उल्लेखनीय रहा। जबकि जसप्रीत बूमरा का प्रदर्शन सामान्य कहा जाएगा। याद रहे कि यह जसप्रीत बूमरा की भारत की धरती पर पहली टेस्ट श्रृंखला थी।
कप्तान कोहली केवल पहला टेस्ट मैच ही खेल पाए जिसमें उनका प्रदर्शन सामान्य रहा और भारत वो मैच बुरी तरह से हार गया। कोहली के सिर पर भारत की टीम के 36 रनों पर आउट होने का ठीकरा भी फूटा। कोहली की अनुपस्थिति में अजिंक्य रहाणे ने कप्तानी का भार बख़ूबी निभाया मगर एक बल्लेबाज़ की हैसियत से रहाणे और चेतेश्वर पुजारा दोनों बुरी तरह से विफल रहे।
टी-20 सीरीज़ में जहाँ विराट कोहली ने अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार खेल दिखाया वहीं सूर्यकुमार एक नये सितारे के तौर पर उभर कर सामने आए। श्रेयस अय्यर एवं शार्दुल ठाकुर ने भी अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करवाई। वाशिंगटन सुन्दर ने भी अच्छा योगदान दिया। मगर ट्रेण्ड वही रहा कि पहला मैच इंग्लैण्ड जीता और भारत श्रृंखला जीता 3-2 से।
एक-दिवसीय मैचों की श्रृंखला में पहले मैच में उलट फेर हो गया और भारत पहला मैच जीत गया। और दूसरे मैच में जब भारत ने 336 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया तो लगने लगा था कि भारत आसानी से जीत दर्ज हासिल कर लेगा और सीरीज़ अपने नाम कर लेगा मगर इंग्लैण्ड के इरादे कुछ और थे। उन्होंने 43वें ओवर में ही 337 रन बना कर दूसरा मैच अपने नाम कर लिया। अंततः भारत ने तीसरा और अंतिम मैच 7 रनों से जीत कर सीरीज़ अपने नाम कर ली।
यानि कि भारत ने टेस्ट, एक-दिवसीय एवं टी-20 – सभी प्रकार की क्रिकेट में इंग्लैण्ड को मात दे दी।
इंग्लैण्ड की टीम जिस तरह श्रीलंका में प्रदर्शन करने के बाद भारत आई थी तो लगता था कि भारत को आसानी से जीत हासिल नहीं होगी। मगर टॉस जीतने के बाद भी इंग्लैण्ड की टीम अपना वो कौशल भारत में नहीं दिखा पाई जो उसने श्रीलंका में दिखाया था।
पहले यह तय किया गया था कि प्रथम आई.सी.सी.आई. टेस्ट विश्व कप का आयोजन लंदन में क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स मैदान में खेला जाएगा। मगर सौरव गांगुली ने बताया है कि भारत और न्यूज़ीलैण्ड के बीच खेला जाने वाला प्रथम विश्व कप फ़ाइनल अब 18 जून को इंग्लैण्ड के साउथैम्पटन ग्राउण्ड में खेला जाएगा।
बधाई
वाहसही लिखा है
बहुत सटीक विवेचना की है। हार्दिक बधाई।