यह संपादकीय लिखते समय तक विश्व के कुल 155 देशों में कोरोना वायरस के 1,57,478 मामले दर्ज किये गये हैं जबकि 5,845 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यानि कि कुल तीन महीने में यह वायरस वैश्विक महामारी बन चुका है। वहीं तसल्ली देने वाली बात यह है कि इलाज के बाद 75,994 लोग इस महामारी से मुक्ति पा चुके हैं।

भारत विडम्बनाओं का देश है। यहाँ मंगल ग्रह के लिये मंगल-यान भी बनाया जाता है और हर मुसीबत से लड़ने के लिये भगवान, अल्लाह, गॉड और वाहे गुरु से प्रार्थना भी की जाती है। इस सप्ताह मैं किसी अन्य विषय पर अपना संपादकीय लिखने के विषय में सोच रहा था, मगर कोरोना वायरस का प्रकोप और डर कुछ इस तरह फैल रहा है कि मैं अपने आप को इस विषय पर दूसरा संपादकीय लिखने से रोक नहीं पा रहा। 

ध्यान देने योग्य बात यह है कि पिछले तीन सौ साल से हर सौ साल के बाद किसी ना किसी महामारी का प्रकोप विश्व में होता रहा है। सन 1720 में प्लेग की आपदा आयी तो 1820 में हैज़े ने विश्व को अपनी लपेट में लिया। सन 1920 में स्पैनिश फ़्लू की बारी थी तो अब 2020 में कोरोना वायरस ने आतंक मचा दिया है। 

यह संपादकीय लिखते समय तक विश्व के कुल 155 देशों में कोरोना वायरस के 1,57,478 मामले दर्ज किये गये हैं जबकि 5,845 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यानि कि कुल तीन महीने में यह वायरस वैश्विक महामारी बन चुका है। वहीं तसल्ली देने वाली बात यह है कि इलाज के बाद 75,994 लोग इस महामारी से मुक्ति पा चुके हैं।

जहां चीन में सार्वाधिक 80,849 मामले दर्ज हुए हैं, वहीं एक हज़ार से अधिक मामलों वाले देशों में इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, स्पेन, जर्मनी, फ़्रांस, अमरीका, स्विटज़रलैण्ड, ब्रिटेन एवं नॉर्वे के नाम शामिल हैं। जहां तक मृत्यु का सवाल है चीन में अब तक 3,199 और इटली में 1,441 लोगों की जान इस वायरस ने ले ली है। 

एक ओर तो विश्व भर के वैज्ञानिक इस वायरस का तोड़ ढूंढने में लगे हैं, वहीं भारत में रामदास अठावले जैसे नेता अपने समर्थकों के साथ खड़े हो कर नारे लगा रहे हैं – कोरोना जा, जा, जा… कोरोना जा, जा, जा…। हैरानी होती है कि भारत की राज्यसभा का एक सदस्य ऐसी हरक़त करता हुआ सार्वजनिक रूप से दिखाई दे रहा है।

ह्वाट्सएप और दूसरे सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहा है कि कैसे लोग भजन, कीर्तन और हवन कर रहे हैं ताकि कोरोना वायरस से मुक्ति मिल सके। वैसे ये चीजें संतोष के लिए हो सकती हैं। लेकिन ईरान के एक वरिष्ठ मौलवी ने विश्व को लगभग धमकाते हुए कहा कि कोरोना वायरस अल्लाह की तरफ़ से दी गयी सज़ा है। जो दुनिया मुसलमानों के साथ कर रही है उसका ख़मियाज़ा भुगतना होगा। और यह कहने के दूसरे ही दिन उस मौलवी को स्वयं करोना वायरस ने धर दबोचा। 

बहरहाल, राजनीतिज्ञों को समझना होगा कि ऐसे समय में अपने अपने देश की सरकार के साथ मिल कर इस दैत्य का मुक़ाबला करें ना कि वायरस को भी हिन्दू मुसलमान में बाँट कर हालात में और अधिक कन्फ़्यूज़न पैदा करें। 

अभी अभी मुझे एक जैनाचार्य की ओर से एक व्हट्सएप संदेश प्राप्त हुआ है कि करोना वायरस से बचने के लिये एक मंत्र का जाप किया जाए – “ओम ह्रीं अर्हम अ सि आ उ सा सर्व शान्ति कुरू कुरू स्वाहा”। सभी मित्रों से गुज़ारिश है कि ऐसे संदेश फ़ॉर्वर्ड करने से बचें। यह एक गंभीर समस्या है और इसके साथ गंभीरता से ही निपटा जाए।

याद रखिये दिन में थोड़ी थोड़ी देर बाद हाथों को धोना आवश्यक है। गर्म पानी पीजिये और रात को गर्म पानी और नमक के ग़रारे कीजिये। बार बार अपने मुंह को अपने हाथों से मत छुइये। बाज़ार से उतना ही सामान ख़रीदिये जितने की आपको आवश्यकता है। यदि सारा सामान आप जमाखोरों की तरह अपने घरों में भर लेंगे तो ऐसे बहुत से लोग रह जाएंगे जिन्हें एंटी-बैक्टीरियल सामग्री नहीं मिलेगी। अगर उनको वायरस जकड़ लेगा तो वो उनके ज़रिये आपतक पहुंचने का रास्ता भी बना लेगा। 

सरकारों से जो बन पड़ेगा, सरकारें कर रही हैं। हमें स्वयं भी एक ज़िम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करना होगा और परिपक्व रवैया अपनाना होगा। इस मुश्किल समय के साथ समझदारी से निपटिये।

लेखक वरिष्ठ साहित्यकार, कथा यूके के महासचिव और पुरवाई के संपादक हैं. लंदन में रहते हैं.

2 टिप्पणी

  1. कोरोना वायरस की सही गणना की है….उपाय भी सुझाये हैं। इसके लिये संपादक को बधाई।

  2. ये सही कि हमें भ्रम फैलाने से बचना होगा। जागरूकता एवं सावधानी से हर मुश्किल का निदान हो सकता है। बहुत ही बढ़िया..समयानुसार माँग के हिसाब से लिखा गया सार्थक संपादकीय।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.