शिक्षक से संवाद : हिंदी को शिक्षा और रोजगार का माध्यम बनाकर ही विकसित किया जा सकता है – प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी
पुरवाई की ‘शिक्षक से संवाद’ साक्षात्कार शृंखला की छठवीं कड़ी में आज प्रख्यात शिक्षक प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी से हमारे प्रतिनिधि पीयूष कुमार दुबे ने बातचीत की है। नवीन जी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कला संकाय और हिंदी विभाग के अध्यक्ष हैं। साथ ही,...
शिक्षक से संवाद : नई शिक्षा नीति से देश में देशज ज्ञान की प्रतिष्ठा होगी – प्रो. चंदन कुमार
पुरवाई की 'शिक्षक से संवाद' साक्षात्कार शृंखला की पाँचवी कड़ी में आज दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आचार्य प्रो. चंदन कुमार से हमारे प्रतिनिधि पीयूष कुमार दुबे ने बातचीत की है। चंदनजी दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी एवं दक्षिणी परिसर में उपअधिष्ठाता, छात्र कल्याण...
शिक्षक से संवाद : देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम हिंदी कर रही है – प्रो. आनंद वर्धन शर्मा
पुरवाई की 'शिक्षक से संवाद' साक्षात्कार शृंखला को आगे बढ़ाते हुए इसकी चौथी कड़ी में आज प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. आनंद वर्धन शर्मा से हमारे प्रतिनिधि पीयूष कुमार दुबे ने बातचीत की है। प्रो. आनंद वर्धन महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति रह चुके...
शिक्षक से संवाद : ‘समझ की समझ’ को विकसित करना ही शिक्षा है – प्रो. योगेश सिंह
'शिक्षक से संवाद' साक्षात्कार शृंखला की तीसरी कड़ी में आज दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह से हमारे प्रतिनिधि पीयूष कुमार दुबे ने बातचीत की है। अपने तीन दशक से अधिक के अकादमिक जीवन में योगेश जी ने लगभग सभी प्रमुख अकादमिक पदों...
शिक्षक से संवाद : हिंदी की जितनी मांग आज रोजगार के क्षेत्र में है संभवत: पहले कभी नहीं रही – प्रो. बीना शर्मा
'शिक्षक से संवाद' साक्षात्कार शृंखला की दूसरी कड़ी में आज प्रस्तुत है वरिष्ठ प्राध्यापक, लेखिका एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की निदेशक प्रो. बीना शर्मा से हमारे प्रतिनिधि पीयूष कुमार दुबे की बातचीत। इस बातचीत में बीना जी के व्यक्तिगत जीवन से लेकर हिंदी...
शिक्षक से संवाद : ‘नई शिक्षा नीति’ निश्चित रूप से देश को आगे ले जाएगी – प्रो. सत्यकाम
किसी भी देश के विकास और सशक्तिकरण की कुंजी वहाँ की शिक्षा व्यवस्था में निहित होती है। उत्तम शिक्षा से ही एक श्रेष्ठ नागरिक और महान देश का निर्माण होता है। आज जब भारत अपनी स्वतंत्रता के पचहत्तर वर्ष पूरे कर अमृतकाल में प्रवेश...