होम कहानी डॉ. शबाना हबीब की कविता – पथ के साथी कहानी डॉ. शबाना हबीब की कविता – पथ के साथी द्वारा डॉ. शबाना हबीब - July 18, 2021 174 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet यादों में खो जाती हूं सांसो में भर लेती हूँ याद भरी महफिल में यूं ही तड़प रही हूं मैं अनजाने राहों में । झिलमिलाती दुनिया हिल हिलाती लहरें धड़कन कह रही है मुझसे क्या हो गई है तुमको । न पलकें बंद करती हूँ न आंखें मूंद लेती हूँ कह न पाई अंदर की बातें अनहोनी दुनिया की बातें । हार न पाऊंगी मैं जीतेगी एक न एक दिन सभी इस पथ के साथी है मैं भी और तुम भी संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं दिव्या शर्मा की कहानी – नदी खामोश हो गई ट्विंकल तोमर सिंह की कहानी – मखमल का पैबंद नरेंद्र कौर छाबड़ा की कहानी – अपराधबोध कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.