1 – विश्वास
खोल दिया
पर कटे परिंदे का पिंजरा
विश्वास की पहली शर्त है
मालूम है, पर होता तो भी
गगन के पार नहीं जा सकता
लौटकर आता पिंजरे में ही
क्योंकि
दाना-पानी, सुरक्षा-आवास, पहली प्राथमिकता
ज़माने की समझ है उसे।
काटेगा नहीं
आस्तीन में पल रहा सांप
मुठ्ठी में ताक़त होना
विश्वास की पहली शर्त है
मालूम है, विषधर होता तो भी
काटने की सोचेगा नहीं
सोता ही रहेगा आस्तीन में
जगाया न जाये तब तक
क्योंकि
सिर सुरक्षित रखना प्राथमिकता है
मानव के बहुरूप विष की जानकारी है उसे।
खुला छोड़ दिया
खूंखार पालतू कुत्ते को
जंजीर हाथ में होना
विश्वास की पहली शर्त है
अपनों को काटेगा नहीं
सीमा से बाहर जा नहीं सकता
क्योंकि
दुश्मनों को काटना उसकी प्राथमिकता है
जंजीर एवं जंजीर थामे हाथ की
ताक़त का ज्ञान है उसे।
2 – सदुपयोग
सर्द मौसम
प्लेटफार्म पर
चाय की चुस्की लेती खड़ी युवती
प्रतीक्षालय के बाहर
गुनगुने धूप में खड़े यात्री
भीख माँगते छोकरे
मूंगफली बेचने और छिलने वाले
किसी को जल्दी नहीं है
कल का समाचार
आज के अख़बार में आज हो गया
अभी बांचते
देश-दुनिया को जानने, समझने का मौका
दे रही गुनगुनी धूप
प्रतीक्षा की सार्थकता ।
3 – मूल बैठा, चलता ब्याज़
बाप ने लिये थे आम बोने को पैसे
नासमझी से बबूल हो गये
इसीलिए बाप के जूते पहनना ज़रूरी हो गया
भले ही वह लगभग नाप का हो
काटता ना हो
पर बहुत ही भारी है
पैदा हुआ है जहाँ
वहीं मरना ज़रूरी है
हाड़-तोड़ मेहनत से
टूटेगा जूते का भार
उसके बेटे के लिये
उम्मीद में ही रोज जाता
हवेली की ओर
जानता था, इतने से कुछ नहीं होगा
बेटे को बनाना होगा इस योग्य
जूते के भार का अनुभव कम हो
भार तले दबने का डर, दर्द ना हो।