फ़ेसबुक के ढेलमरवा गोसाईं – व्यंग्य – दिलीप कुमार सिंह

‘फेसबुक के ढेलमरवा गोसाईं’ दिलीप कुमार सिंह ‘‘वो फेसबुक के कंठीधारी हैं, वहीं पर जीना वहीं पर मरना फेसबुक के सिवा उनको जाना कहाँ। वो फेसबुक के ढेलमरवा गोसाईं हैं। ये ढेला (मिट्टी ईंट या पत्थर का टुकड़ा) मारने की कला भी विविध है। वो...

बायोमेट्रिक के बहाने पांडेय जी – (व्यंग्य – लालित्य ललित)

बायोमेट्रिक के बहाने पांडेय जी - लालित्य ललित जब से तकनीक आई है,जाहिर है कुछ काम हुए है।कुछ फायदा भी तो कुछ घाटे का सौदा भी हुआ है।कुछ के क्रेडिट कार्ड के क्लोन बन गए और उनकी संचित पूंजी कहाँ गई, तफ्तीश जारी है।कुछ के बैंक...