होम ग़ज़ल एवं गीत कुलदीप दहिया “मरजाणा दीप” की ग़ज़ल – वही सोने की चिड़िया वाला... ग़ज़ल एवं गीत कुलदीप दहिया “मरजाणा दीप” की ग़ज़ल – वही सोने की चिड़िया वाला मेरा हिंदुस्तान कर दे द्वारा कुलदीप दहिया मरजाणा दीप - August 8, 2021 158 0 फेसबुक पर शेयर करें ट्विटर पर ट्वीट करें tweet ए भारत माँ फिर से एक एहसान कर दे वही सोने की चिड़िया वाला मेरा हिंदुस्तान कर दे, मुझे चुभती हैं नस्तर सी ये ख़ार की नस्लें मिटा दे नक़्शे-पटल से इनका काम तमाम कर दे, कर कोख़ से पैदा फिर राजगुरु,सुखदेव,भगतसिंह ये गुलशन हो चला वीरां फिर से गुलिस्तान कर दे, बहुत सह चुके अब अखरते हैं दिल को दगाबाज़ ये ले-ले हाथों में मशाल, जंग का ऐलान कर दे, खरपतवार नफ़रतों की ना ये फिर से पनप जाये माँ ऐसे मेरे चमन के तू बागबाँ कर दे , कल-2 करते झरने,नदियाँ महके पीले सरसों के फूल गाते-गुनगुनाते किसान लहलहाते खेत-खलिहान कर दे, जलते रहें “दीप” खुशियों के सदाआँगन में यूँ ही चाँद-सितारों से चमकता ये अंबर, आसमान कर दे !! संबंधित लेखलेखक की और रचनाएं विशेष प्रस्तुति : दीक्षित दनकौरी की ग़ज़लें डॉ. दिलावर हुसैन टोंकवाला की ग़ज़लें अनिला सिंह चरक की ग़ज़लें कोई जवाब दें जवाब कैंसिल करें कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें! कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें आपने एक गलत ईमेल पता दर्ज किया है! कृपया अपना ईमेल पता यहाँ दर्ज करें Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.