ठूंठ
उसकी आँखें भूरी थी | आँखों का भूरापन ही उसकी खूबसूरती थी | एक ऐसा आकर्षण की जो भी देखे डूबता चला जाए | इस चुम्बकीय आकर्षण से कितने ही खिंचे चले आए | सैकड़ों ने तो प्रतियोगिता में भाग लेने से पूर्व ही...
“उम्र जितना लम्बा प्यार”
"उम्र जितना लम्बा प्यार"
कहानी संग्रह ( सपना सिंह परिहार )
स्त्रीभ्रमों को तोड़तीं कहानियां
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समकालीन कथा साहित्य में नए कलमकार नई उड़ान भर रहे हैं। एक पूरी की पूरी नौजवान पीढ़ी भाषा, शिल्प, कथ्य और अंदाज को लेकर नए प्रयोग कर रही है। स्त्री रचनाकारों की...
“फिल्म बनाने और अच्छी फिल्म बनाने में जमीन आसमान का फर्क होता है”
हरियाणा का अब तक का एकमात्र ओटीटी प्लेटफार्म स्टेज एप्प हरियाणा सिनेमा से बाहर निकल कर अब राजस्थानी सिनेमा को बढ़ावा देने तथा उसे सहारा देने के लिए उतरा है। इस बार राजस्थानी सिनेमा के इतिहास में वेब सीरीज का एक के बाद एक...
कहानी (गीताश्री) – 127वां…
127 वां
- गीताश्री
सड़क के एक तरफ ऊंचे ऊंचे फ्लैट थे तो दूसरी तरफ बेतरतीब बसी अवैध बस्तियां जिनमें कई पीढ़ियों का शोर भरा था। मामूली सुख सुविधाओं के लिए बिलबिलाती हुई आत्माओं का शोर।
सड़क के एक तरफ तो बड़ी बड़ी गाड़ियां सरपट दौड़ रही...
छोड़ आए हम जो गलियाँ…. – रुचि भल्ला
छोड़ आए हम जो गलियाँ....
- रुचि भल्ला
लौतिफ़ा का साथ वैसे तो गुड़गाँव में मुझे डेढ़ साल ही मिला फ़िर वह बंगाल चली गई थी पर वह हमेशा के लिए एक रिश्ता जोड़ गई मुझसे। मेहनत कश.... सत्ताईस साल की लौतिफ़ा से मेरी पहली मुलाकात...
गाँव का रास्ता – गोविन्द उपाध्याय (कहानी)
कहानी
गाँव का रास्ता
गोविन्द उपाध्याय
"अब उ गाँव कहाँ रह गया बाबू । रहिए दू-चार हफ्ता, अपने आप सब बूझ जाएंगे ।"जब राम लखन पाड़े यह बताए तब विनय पाड़े ने इतना गंभीरता से नहीं लिया । हर पीढ़ी को अपने अगली...