डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी की लघुकथा – आपका दिन

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी "मैं केक नहीं काटूँगी।" उसने यह शब्द कहे तो थे सहज अंदाज में, लेकिन सुनते ही पूरे घर में झिलमिलाती रोशनी ज्यों गतिहीन सी हो गयी। उसका अठारहवाँ जन्मदिन मना रहे परिवारजनों, दोस्तों, आस-पड़ौसियों और नाते-रिश्तेदारों की आँखें अंगदी पैर...

ओमप्रकाश यती की कलम से – “ज्योति जगाए बैठे हैं” : हिन्दी ग़ज़ल का एक ज्योति-पुंज

ग़ज़ल संग्रह : ज्योति जगाए बैठे हैं  ग़ज़लकार : कमलेश भट्ट कमल  प्रकाशक : प्रकाशन संस्थान,नयी दिल्ली  पृष्ठ संख्या : 168, मूल्य ₹.300 (हार्डबाउंड) बहुत समय तक तो यही बहस चलती रही  कि ग़ज़ल तो ग़ज़ल है, हिन्दी ग़ज़ल कैसी ?  लेकिन अब यह सब बातें पीछे छूट...

ऐ मेरे बिछड़े वतन

लघुकथा - कमल कपूर 1. ऐ मेरे बिछड़े वतन.... विश्व के सर्वाधिक समृद्ध देश अमेरिका के सुंदर -से शहर फोन्टाना की चिकनी सड़क पर गाड़ी दौड़ रही थी।14 अगस्त की सांझ थी वह और भारत में थी 15 अगस्त की भोर••• मैं सोच रही थी कि ...

गाँव का रास्ता – गोविन्द उपाध्याय (कहानी)

कहानी                                                                गाँव का रास्ता  गोविन्द उपाध्याय                                                                              "अब उ गाँव कहाँ रह गया बाबू । रहिए दू-चार हफ्ता, अपने आप सब बूझ जाएंगे ।"जब राम लखन पाड़े यह बताए तब विनय पाड़े ने इतना गंभीरता से नहीं लिया ।  हर पीढ़ी को अपने अगली...

जीतेंद्र शिवहरे की लघुकथा

झूठ रविना की आखें अखबार की एक खबर पर जमी थी। पहले पन्ने पर बीती रात हुये एक सामुहिक दुष्कर्म का ब्यौरा था। उसे याद आया कि ऐसा ही कुछ तो हुआ था उसके साथ भी। उसकी शादी के पहले। हालांकि उसने कभी किसी को...

” किसी की दौलत नहीं हूं मैं मोहब्बत हूं ” – डाक्टर तारा सिंह

किसी की दौलत नहीं हूं मैं मोहब्बत हूं - डाक्टर तारा सिंह
किसी की दौलत नहीं हूं मैं मोहब्बत हूं ! कोई अमानत नहीं हूं सबकी इज्जत हूं !! जन गण मन में रही सदा,रिहाइश मेरी , शांति प्रेम एकता की है फरमाइश मेरी ! यूं हिंदुस्तान की मैं सनातनी शरीयत हूं ! किसी की दौलत नहीं हूं मैं मोहब्बत हूं...