विनीता परमार की कहानी – रॉल नंबर ट्वेंटी टू
धुली हुई सड़क पर नहाई हुई सुबह में लगभग चार महीने बाद प्रसन्ना मैडम ने अपनी कार निकाली है। आमतौर पर वो गाड़ी तभी निकालती हैं जब सड़कें सीधी हो भीड़-भाड़ कम हो। एक साल हुए घर में कार तो आ गई लेकिन गाड़ी...
अंजू शर्मा की कहानी – राधिका रानी@इंस्ट्राग्राम डॉट कॉम
जो जीवन जन्म के साथ हमें मिलता है वह हमारा प्रारब्ध होता है। जीवन चुनने का अवसर हमें नहीं मिलता पर किस्मत अच्छी रही तो अभिनय में अपना किरदार हम चुन पाते हैं। पर कैसी विचित्र नियति है उसकी कि उसने न तो जीवन...
प्रियंका ओम की कहानी – हाँ, आख़िरी प्रेम
प्रियंका ओम हिंदी की चर्चित कहानीकार हैं। अपने पहले कहानी-संग्रह 'वो अजीब लड़की' से ही इन्होंने हिंदी के कथा जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। अबतक इनके कुल दो कहानी-संग्रह आ चुके हैं, लेकिन 'वो अजीब लड़की' की कहानियों को लेकर प्रियंका...
संगीता कुमारी की कहानी – अंजान
दरवाजे की घंटी बजी।
‘कौन है?’
‘मैं हूँ| खोलो…’
(आवाज पहचानकर मिनी ने दरवाजा खोल दिया।)
‘वापिस क्यों आये?’
‘फाईल लेना भूल गया था। वही लेने आया हूँ।‘
‘अब चाय पीकर ही जाईये, अभी अभी बनायी है मैंने अपने लिये।‘
‘वैसे देर हो रही है। फिर भी तुम कहती हो तो...
कहानी – हर सूरज डूबता है/ हेमिंग्वे/ लेकिन – विवेक मिश्र
कहानी - हर सूरज डूबता है/ हेमिंग्वे/ लेकिन - विवेक मिश्र
हाथों से छूटती डोर, चाहे वह एक पतंग की हो और बच्चे से छूट रही हो, ..या साँसों की हो और किसी देह से छूटी जा रही हो..., छूटते हुए वह मन में एक...
दो बहनों की कहानी – सपना सिंह
दो बहनों की कहानी
- सपना सिंह
......कुछ पुराना सा शीर्षक है न। दो बैलों की कथा सा ध्वनित होता है। पर क्या करें एक के साथ दूसरे की बात आप से आप आ जाती है। एक की बात करो दूसरे की बात चलना लाजिमी हो...