पद्मा मिश्रा की कहानी – एकलव्य
''आंटी जी!..आंटी जी!''
कोई धीमे स्वरों में पुकार रहा था. मै टहलने लिए तैयार हो ही रही थी ..गेट पर झाँक कर देखा तो, रुन्छु था. मैंने गेट खोलकर पूछा -''अरे रंछु!..कहाँ था इतने दिन?दिखाई ही नहीं दिया?''
''आंटी जी बाहर गाँव चला गया था. बाबा...
उपासना सियाग की कहानी – मुक्ति
डॉक्टर श्री कान्त ने सुनयना को बताया कि विजय और सुमन को उम्र कैद की सजा हुई है। यह सुन कर उसके मन में एक अजीब सी हलचल मची हुई है। उसे नहीं मालूम यह बैचेनी है या अजीब सा सुकून। जैसे कुछ...
अनघा जोगलेकर की कहानी – राधा की बावड़ी
मुझे ऐतिहासिक इमारतें, किले, म्यूजियम देखने में बड़ी दिलचस्पी थी। मैं नौकरी बैंक में करता था लेकिन जब भी छुट्टी मिलती कोई-न-कोई ऐतिहासिक जगह जरूर घूम आता। किले मुझे अपनी ओर खींचते। किसी-भी किले के मुख्य दरवाजे से लेकर उसके शीर्ष तक का सारा...
अनुजीत इकबाल की कहानी – नक्काशी
जीवन से बहुत अधिक अपेक्षा न रखकर हमेशा अगर हम ये मानकर चलें कि जो भी होगा वो मुझसे है और सब कुछ नवीन और सहज होगा तो हमारी पूरी सोच और दृष्टिकोण रूपांतरित हो जाते हैं. जीवन को अपने हाथ में रखकर यदि...
रमेश शर्मा की कहानी – पैबंद लगी कमीज
हरेक शहरों में ऎसी कुछ जगहें होती हैं जहाँ लोगों की चहल पहल स्वमेय मूर्त होने लगती है । पार्क की गिनती उनमें से सबसे मुफीद जगहों में हो तो इसे मानने के लिए मन कभी हिचकता नहीं । इस छोटे शहर के हिस्से...
डॉ पुष्पलता की कहानी – नहीं मर चुकी हूँ
मिश्री मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ।
मिशू के मोबाइल की स्क्रीन पर उभरा एस एम एस पढ़कर मिशू उस मन में पता नहीं कैसी हिलोंरे उठने लगी। थोड़ी देर तक असामान्य रही कुछ देर बाद ‘दोस्ती में अफेक्शन, रेस्पेक्ट, लव तीनों होते हैं’ टाइप...