सिनेमा को समृद्ध करने का ‘नाम था कन्हैयालाल’

साल 1910 में वाराणसी में पिता पंडित भैरव दत्त चौबे के यहां पैदा हुए एक बच्चे जिसे नाम मिला कन्हैया लाल उसे आज दुनिया में कितने लोग जानते हैं? सिनेमा से जुड़ी आज की पीढ़ी तो उन्हें बिल्कुल भी नहीं जानती होगी। और हैरानी...

‘कांतारा’ के जंगल में सिनेमा का रोमांच

कांतारा का मतलब है ‘रहस्यमयी, भयानक जंगल’ और इसी के मुताबिक ही कहानी भी है इस फिल्म की। कर्नाटक का एक इलाका जहां के लोगों का मानना है कि जंगल पर पहला हक तो उन्हीं का है-चाहे ज़मीन हो, लकड़ी या पौधे-पत्ते इत्यादि। कन्नड़...

पुराने जमाने का ‘मर्डर कोहे फ़िजा’ में

एक दम्पति परिवार ऊँचे दर्जे की जिंदगी जीने वाले। अचानक से पति के मन में ख्याल आया कि क्यों ना कम्पनी का सी.ई.ओ वह खुद बन जाए। ऐसे में उसने अपने एक सीनियर का मर्डर कर दिया। अब कम्पनी के फंड को इस्तेमाल किया...

हरियाणवी सिनेमा को नया सवेरा दिखाती ‘ओपरी पराई’

अव्वल तो हरियाणा में सिनेमा ज्यादा बन नहीं रहा था। एक अर्से बाद इसमें तेजी आई है तो उसका पूरा क्रेडिट 'स्टेज एप्प' को दिया जाना चाहिए। बॉलीवुड के नजरिए से देखें तो हरियाणवी सिनेमा ठीक ठाक लेवल पर गाहे-बगाहे नज़र आ ही जाता...

गूंजते रहेंगे ‘दादा लखमी’ के शब्द फिल्म रिलीज को लेकर भावुक हुए ‘यशपाल शर्मा’

'दादा लखमी'बहु चर्चित बहु प्रतीक्षित हरियाणवी फिल्म इस साल 8 नवंबर 2022 को  सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। रिलीज़ से पहले ही 60 के करीब नेशनल, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में कई अवार्ड्स अपने नाम कर चुकी यह फिल्म इस साल दिल्ली के...

गहरे अवसाद में ले जाती ‘मट्टू की साइकिल’

दो साल पहले ‘बुसान’ फ़िल्म फेस्टिवल में चली 'मट्टू की साइकिल' अब देश भर में चल रही हैं। तय समय से एक दिन पहले रिलीज कर दी गई इस फ़िल्म को जब किसी ओटीटी ने जगह नहीं दी तो बेहद कम स्क्रीन के साथ...