बाल-साहित्य पर वरिष्ठ साहित्यकार दिविक रमेश से पीयूष द्विवेदी की बातचीत

सवाल - बाल-साहित्य का स्वरूप कैसा होना चाहिए ? दिविक रमेश - मोटेतौर पर बाल-साहित्य को दो रूपों में देखा जाता है- उपयोगी बाल साहित्य और रचनात्मक बाल-साहित्य। उपयोगी बाल-साहित्य में जानकारीपूर्ण अर्थात तथ्यात्मक बाल-साहित्य  आता है जबकि रचनात्मक  बाल-साहित्य में कविता, कहानी, नाटक आदि...

साक्षात्कार – मैत्रेयी पुष्पा के साथ डॉ. महालक्ष्मी केशरी की बातचीत

‘‘मैत्रेयी पुष्पा का साक्षात्कार उनके रचना संसार के साथ” डॉ. महालक्ष्मी केशरी - मैत्रेयी पुष्पा जी, आप अपने सृजन यात्रा का प्रारम्भ कब से मानती हैं ? मैत्रेयी पुष्पा - सृजन यात्रा की बात अगर मैं करूँ तो सृजन एक चिट्ठी लिखकर भी...

प्रख्यात फिल्म अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता से मधु अरोड़ा की बातचीत

चर्चित लेखिका मधु अरोड़ा की वरिष्ठ सिने अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता से बातचीत प्रश्‍न:  आपके लिये नाटक क्‍या है? उत्‍तर: आज मैं जो कुछ भी हूं, नाटक की वज़ह से ही हूं। मैं जब नाटक सीखने एन एस डी गया तो वहां नाटक को सीखा, उसे समझा...

“हर जगह निजी स्वार्थ भारत में हावी है” – आशीष कंधवे

  आशीष कंधवे मेरे छोटे भाई जैसे हैं। आधुनिक  साहित्य के संपादक हैं और गगनांचल के सह संपादक।  हाल ही में वे 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में मॉरीशस हो कर आए। ज़ाहिर है कि हम दोनों में सम्मेलन को लेकर गंभीर बातचीत हुई। बात बढ़ते...

साक्षात्कारः कनाडा के प्रमुख साहित्यकार सुमन कुमार घई

मुलाकात: सुप्रसिध्द संपादक सुमन कुमार घई से धर्मपाल महेंद्र जैन की बातचीत ‘हिन्दी की ई-पुस्तकों का बाज़ार बहुत बड़ा होगा’ 1952 में अम्बाला में जन्मे प्रतिष्ठित रचनाकार श्री सुमन कुमार घई पिछले चार दशकों से टोरंटो  (कैनेडा) में रहते हुए अपनी साहित्यिक अभिरूचियों में सक्रिय हैं। पिछले...