संपादकीय – हमारे समय के दो श्रेष्ठ राजनीतिक नेताओं का जाना

मेरा अरुण जेतली से कुछ निजी रिश्ता भी है... बहुत दूर का रिश्ता। इमरजेंसी के दिनों में जब अरुण जेतली दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष थे, तो उन्हीं दिनों मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. अंग्रेज़ी में कर रहा था।... अरुण उस समय...

नए विमर्श का प्रतिनिधि आख्यान है अनंत विजय की कृति ‘मार्क्सवाद का अर्धसत्य’

"मार्क्सवाद का अर्धसत्य”, अनंत विजय, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, 2019,सजिल्द, पृष्ठ संख्या-295,मूल्य-695 रुपये जीवन एवं जगत के अंतिम सत्य की खोज एक शाश्वत अनवरत यात्रा है एवं मानव की यह खोजयात्रा सदियों से चल रही है। इस यात्रा की शाब्दिक एवं बौद्धिक अभिव्यक्ति साहित्य और...

मेरे नज़दीक ग़ज़ल का लहजा न उर्दू है न हिंदी, वो हिन्दुस्तानी है – आलोक श्रीवास्तव

अगर वर्तमान ग़ज़ल और ग़ज़लकारों की बात की जाए तो वो आलोक श्रीवास्तव के जिक्र के बिना पूरी नहीं हो सकती। कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में बड़े पदों पर काम कर चुके आलोक की पहचान पत्रकार से ज्यादा ग़ज़लकार की है। हालांकि वे दोनों...

सुपर 30 – फ़िल्म समीक्षा (तेजेन्द्र शर्मा)

मित्रों – सुपर 30... सच में सुपर हिट मुझे लगता है कि बॉलीवुड का हिन्दी सिनेमा अब वहां पहुंच रहा है जहां इसे परिपक्व सिनेमा कहा जा सकता है।  सन् 2000 के बाद से कुछ ऐसी फ़िल्में बनी हैं जिन विषयों को सिनेमा के लिये...