अरविंद ‘कुमारसंभव’ की पर्यटन-चर्चा – उत्तराखंड के अल्पज्ञात खूबसूरत पहाड़ी स्थल

बारिश के दो महिने छोड़ कर पूरे साल आप हिमालय की खूबसूरती निहारने जाइये. कुछ दिन पहाड़ के किसी शांत छोटे से कस्बे में ठहरिये, आस पास के नयनाभिराम दृश्यों का अवलोकन कीजिए, वहां के स्थानीय भोजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों से साक्षात्कार कीजिए और...

आशा विनय सिंह बैस का लेख – श्रद्धांजलि शेन!!

क्रिकेट तो इस धरा पर सदियों से खेला जा रहा है और शायद आगे भी खेला जाता रहेगा लेकिन कुछ  क्रिकेटर अपने कौशल और जीवटता  के कारण इस खेल की किसी एक विधा के पर्याय बनकर अमर हो जाते हैं। आधुनिक काल के क्रिकेटरों में...

वन्दना यादव का स्तंभ ‘मन के दस्तावेज़’ – फल पाने के लिए बीज लगाएं

फल का नाम सुनते ही पेड़ों पर लगे फलों की ओर ध्यान जाता है। भोजन से तृप्त मन की अगली चाह परिश्रम के परिणामस्वरूप मिलने वाले फल पर जाना स्वाभाविक है। इसमें परीक्षा का परिणाम सबसे उपर आता है। वर्ष भर की मेहनत के...

डॉ नीना छिब्बर का लेख – होली के रंगों में विश्व गिरफ्तार

होली का त्योहार भारत के जनमानस को ही रंगीला नहीं  बनाता पर, इसकी मस्ती आसपास के देशों को भी अपनी गिरफ्त में ले लेती है। हवा में उड़ता गुलाल, पानी की लहरों में घुली सी भांग की मस्ती, ढ़ोल-मृदंग ,चंग पर बजती थाप के...

वन्दना यादव का स्तंभ ‘मन के दस्तावेज़’ – आपका संपूर्ण परिचय आपके मित्र हैं

किसी व्यक्ति के बारे में जानना हो, तो आप उसके मित्रों के बारे में जानकारी जुटा लें। किसी का स्वभाव, रूचि, जीवन मूल्य और उसका नज़रिया, यह सब आप उसकी मित्रता सूची में शामिल लोगों को देख कर समझ जाएंगे।  प्राचीन काल में हिसाब रखने...

लता तेजेश्वर ‘रेणुका’ का लेख – दायरे

अक्सर देखा गया है आज कल के बच्चों से प्रताड़ित हो कर बुजुर्गों को बृद्धालय का आश्रय लेना पड़ रहा है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? बच्चे तो कल भी थे आज भी हैं। माँ बाप भी कल जैसे थे आज भी वैसे...