12 दिसंबर, 2021 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
12 दिसंबर, 2021 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय
'इच्छा मृत्यु कितनी सही कितनी ग़लत?'
पर निजी संदेशों के माध्यम से प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
डॉक्टर गुरविंदर बंगा
तेजेन्द्र जी, संपादकीय पढ़ा। एक चिकित्सक होने के नाते मेरा हमेशा से यह मानना रहा है जिस बीमारी से मरीज़...
मुझे क्षमा करना दीदी – सूर्यबाला (उपन्यास अंश)
वरिष्ठ लेखिका सूर्यबाला जी का उपन्यास 'कौन देस को वासी : वेणु की डायरी' जो कि राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है, काफी चर्चा में है। इसी उपन्यास का यह एक अंश हम अपने पाठकों के लिए यहाँ साझा कर रहे हैं। यह अंश...
पुरवाई के चार संपादकीयों पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
23 जनवरी, 30 जनवरी, 06 फरवरी एवं 13 फरवरी, 2022 को क्रमशः प्रकाशित पुरवाई के संपादकीयों पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
पुनीत बिसरिया
आपका लेख अत्यन्त महत्वपूर्ण है किन्तु मुझे लगता है कि जिस तरह से रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया था और सारे देश...
7 मार्च और 23 मार्च को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय पर उषा साहू की प्रतिक्रिया
7 मार्च और 23 मार्च को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय पर उषा साहू की प्रतिक्रिया।
उषा साहू
संपादक साहब नमस्कार ।
7 मार्च की "पुरवाई" के संपादकीय में आपने साहिर लुधियानवी के बारे में जो जानकारी दी है, वह बेजोड़ है।बहुत ही सूक्ष्मता के साथ आपने साहिर...
देवमणि पाण्डेय की एफबी वॉल से : ‘जब राज कपूर के गाल पर पड़ा किदार शर्मा का थप्पड़’
राज कपूर ने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी। पृथ्वीराज कपूर ने अपने बेटे से कहा- कम से कम ग्रेजुएशन तो कर लो। राज ने जवाब दिया- निर्माता निर्देशक बनने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री ज़रूरी नहीं होती। पृथ्वीराज कपूर अपने दोस्त किदार शर्मा के...
28 नवंबर, 2021 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय पर प्राप्त कुछ पाठकीय प्रतिक्रियाएं
28 नवंबर, 2021 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय 'क्या संविधान सच में सर्वोपरि है?' पर निजी संदेशों के माध्यम से प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
स्मृति शुक्ला
आदरणीय तेजेंद्र जी नमस्कार। आप ने पढ़ा बहुत है इसकी झलक इस लेख में है । विपक्ष द्वारा संविधान दिवस का...