5 जून, 2022 और 12 जून, 2022 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीयों पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
5 जून, 2022 और 12 जून, 2022 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीयों पर निजी संदेशों के माध्यम से प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
अनूप भार्गव, न्यू जर्सी
तेजेन्द्र भाई,
अपने संपादकीय में हिंदी साहित्य की पहुँच को बढ़ाने और उसे विश्व साहित्य में जगह दिलाने के लिए अंग्रेज़ी में...
पुरवाई के संपादकीय ‘बिन पानी सब सून’ पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
पुरवाई के संपादकीय 'बिन पानी सब सून' पर निजी संदेशों के माध्यम से प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
डॉक्टर सच्चिदानंद
और पानी से धरती को सूना करने में आम आदमी से लेकर सरकार तक की संकल्पहीनता और अदूरदर्शिता का पूरा योगदान है।
"यथा राजा तथा प्रजा" होती है! हर...
पुरवाई के संपादकीय ‘कहर ढा रही है महंगाई की मार…!’ पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
पुरवाई के संपादकीय ‘कहर ढा रही है महंगाई की मार…!’ पर निजी संदेशों के माध्यम से प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
डॉक्टर सदानंद गुप्ता
यूरोप ने जो जीवन पद्धति अपनाई है और जो जीवन दृष्टि है उसका परिणाम भयावह होना ही है । पर यूरोप और अमेरिका की...
24 अप्रैल, 2022 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
पुरवाई के संपादकीय 'क्या ब्रिटेन में मध्यावधि चुनाव होंगे ?' में निजी संदेशों के माध्यम से प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
आलोक शुक्ला
ब्रिट्रेन की हालत जानी आपके संपादकीय से, ये भी सच कहा कि ब्रिटिश पीएम की मोदी और देश पर तल्ख टिप्पणी न करने से विपक्ष...
27 मार्च, 2022 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
27 मार्च, 2022 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय ‘दि कश्मीर फ़ाइल्स’… कितनी हक़ीकत कितना फ़साना…!' पर प्राप्त पाठकीय प्रतिक्रियाएं
ऊषा साहू, मुंबई
...एक और अनूठा संपादकीय, धन्यवाद जी ।
आपके हिसाब से तीन तरह के लोग हैं, परंतु एक और तरह के लोग हैं, जो घर में...
20 मार्च, 2022 को प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय पर वरिष्ठ लेखिका चित्रा मुद्गल की प्रतिक्रिया
चित्रा मुद्गल
तेजेन्द्र, तुम्हारी सारगर्भित समीक्ष्य दृष्टि ने 'कश्मीर फाइल' जैसी फिल्म को उसकी विषय वस्तु और समय सापेक्षता के संदर्भ में अत्यंत संवेदनशीलता और सतत चैतन्य दृष्टि से देखा परखा है।
तुम्हारी परख निश्चित ही आश्वस्त कारी और तटस्थ है। क्योंकि तुम स्वयं फिल्म...