संपादकीय – कोरिया में भारतीय अछूत हैं

यू-ट्यूब पर जारी एक वीडियो में दिखाया गया है कि पेनुकोंडा अनंतपुर के एक दक्षिण कोरियाई रेस्टोरेंट ‘कंगनम’ के मैनेजर ने यह स्वीकार किया कि उनका रेस्टोरेंट केवल कोरियाई लोगों को ही प्रवेश करने की अनुमति देता है। यह हैरानी की बात है कि...

संपादकीय – संसद, सुरक्षा, चूक, हंगामा, निलंबन…!

हमें देखना होगा कि जिस समय हमास ने इसराइल पर पांच हज़ार रॉकेट दागे थे, उस समय इसराइल के प्रधानमंत्री के विरोध में विपक्ष पूरी शिद्दत से जुटा हुआ था। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के त्यागपत्र की मांग की जा रही थी। मगर जैसे ही हमास...

संपादकीय – बिजली में बसती है आत्मा!

इन्सान चाहे कितनी भी तरक्की क्यों न कर ले कहीं न कहीं उसके  व्यक्तित्व में एक शैतान छिपा रहता है। जब तक बल्ब में विद्युत का संचार होता है और बिजली का उजाला फैला रहता है, भीतर का हिंसक पशु सोता रहता है। जहां...

संपादकीय – शरीर को पेड़ बनना होगा

हर आदमी अमरत्व की आकांक्षा करता है। मगर सब जानते हैं कि दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है। जन्म और मरण का चक्र तो चलता ही रहना है। तो क्यों न हम मरने के बाद पेड़ के रूप में जीवित रहें। हम पहले...

संपादकीय – बिगड़ा मुण्डा बिगाड़े रिश्ते

विश्व में भारत की बढ़ती साख और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता शायद अमरीकी प्रशासन को चुभने लगी है। वरना क्या कारण है कि गुरपतवंत सिंह पन्नु जैसे घोषित आतंकवादी के लिये अमरीका भारत से अपने रिश्ते ख़राब करने को तैयार हो गया है।...

संपादकीय – ‘पापी’ ‘जेबकतरा’ तो ‘पनौती’ हो गया!

पनौती की व्युत्पत्ति यानी 'विशेष उत्पत्ति' को समझने के लिए उसके इतिहास, स्वरूप और अर्थ के बारे में हमने यहां बताया है। 'पनौती' शब्द बनने को स्वरूप को समझते हुए हम कह सकते हैं कि इसका अर्थ विस्तार मुसीबत के रूप में है. पनौती...