डॉ. फतेह सिंह भाटी की कलम से – हमने देखी है इन आंखों की महकती खुशबू…!

हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने घोषणा की कि अभिनेत्री वहीदा रहमान को 2023 के दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा | देवानंद की सौवीं जयंती पर यह घोषणा अनायास नहीं सायास ही की गई होगी | हिंदी...

आलोक कुमार की नाट्य समीक्षा – जीवन का संदेश देता प्रताप सहगल का ‘और कोई रास्ता’

जीवन में सदा ऐसा होना चाहिए कि जिंदगी चाहे कितने भी कठिन मोड़ पर खड़ी हो या किसी दोराहे पर खड़ी हो जाए लेकिन आपको सदा कोई और रास्ता देखना चाहिए और सिर्फ देखना ही नहीं उसे अमल में भी लाना चाहिए, यही सन्देश...

जम्मू-कश्मीर में राजभाषा हिंदी की स्थिति पर डॉ. मुक्ति शर्मा की प्रश्नोत्तरी

प्रश्न:- वर्तमान समय में जम्मू-कश्मीर में हिंदी का क्या महत्व है? उत्तर:- जम्मू- कश्मीर की सरकारी  ज़ुबान उर्दू होने के बावजूद लोग देवनागरी लिपि से परिचित है और हिंदी बोलना पसंद करते हैं। पर्यटन की दृष्टि से  भी यहाँ हिंदी भाषा का प्रचलन ख़ासा है। सांस्कृतिक...

डॉ. कमलेश कुमार यादव की कलम से – उत्कृष्ट सर्जनाशक्ति की मिसाल रेडियो रूपक ‘मन की बात, जन-जन की बात’

सारांश  ‘जन जन की बात, मन की बात’ रेडियो रूपक यूट्यूब के माध्यम से सुनने को मिला। सुनकर बहुत अच्छा लगा। माननीय प्रधानमंत्री जी के इस लोकप्रिय कार्यक्रम का 100 वां एपिसोड अप्रैल में प्रसारित हुआ है| इन 100 भागों को रेडियो रूपक के रूप...

हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में डॉ. पद्मा मिश्रा का लेख – हमारी एकता और अखंडता में हिंदी की भूमिका

मानस भवन में आर्यजन जिसकी उतारें आरती भगवान भारत वर्ष में, गूंजे हमारी भारती हमारी हिंदी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों की वाहिका बन विश्व भर में छा जाए, विश्व बंधुत्व की पवित्र भावना का उद्घोष जन जन के कंठो से मुखरित हो,शायद आज हर भारतीय और...

संपादकीय – जी-20 और भारतीय लोकतंत्र

पक्ष और विपक्ष दोनों के लिये ही भारत में जी-20 का आयोजन एक गर्व करने लायक उपलब्धि है। हमें राजीतिक उठा पटक से अलग हट कर भारत के बारे में सोचना होगा कि किस प्रकार आज पूरा विश्व भारत की ओर नज़रें टिकाए है।...