अर्पण कुमार
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तीन काव्य संग्रह 'नदी के पार नदी' (2002), 'मैं सड़क हूँ' (2011), ‘पोले झुनझुने’ (2018) एवं एक उपन्यास 'पच्चीस वर्ग गज़' (2017) प्रकाशित एवं चर्चित। आलोचना की एक पुस्तक 'आत्मकथा का आलोक' (2020) का संपादन। संपर्क - [email protected]